श्रीनगर : आतंकियों ने गुरुवार को श्रीनगर के ईदगाह इलाके में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक का कत्ल कर दिया। बीते एक हफ्ते से भी कम समय में घाटी के आम नागरिकों को आतंकवादी अपना निशाना बना रहे हैं, खासतौर पर उन्हें जो हिंदू या अन्य अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। कश्मीर में अल्पसंख्यकों के बीच एक बार फिर से डर पैदा करने के लिए आतंकी किस हद तक जा सकते हैं इसे इस बात से समझा जा सकता है कि गुरुवार जब आतंकियों ने स्कूल पर धावा बोला तो पहले सिख प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और कश्मीरी पंडित टीचर दीपक चांद का आईडी कार्ड देखा और फिर दोनों को गोली मार दी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया गया है कि गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे के करीब तीन आतंकी संगम ईदगाह बॉयज हायर सेकंडरी स्कूल में घुसे। इसके बाद उन्होंने 44 वर्षीय सुपिंदर कौर और उनके सहयोगी दीपक चांद को अलग किया, क्योंकि ये दोनों कश्मीरी मुस्लिम समुदाय से नहीं थे। आतंकी दोनों को बिल्डिंग के बाहर ले गए और फिर उनपर गोलियां बरसा दीं। दीपक चांद की मौत मौके पर ही हो गई जबकि सुपिंदर कौर ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
बता दें कि हमले के समय कोई भी स्टूडेंट स्कूल में मौजूद नहीं था क्योंकि अभी तक ऑफलाइन क्लास शुरू नहीं हुई है। स्कूल में रोज स्टाफ को ही कुछ घंटों के लिए आना था।
पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, संगठन ने यह कहा है कि हमले का पीड़त के धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। संगठन ने कहा है कि स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षक को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने छात्रों पर 15 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दबाव बनाया था।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने कश्मीरी पंडित और घाटी के जाने-माने फार्मेसी के मालिक मक्खन लाल बिंद्रू को भी गोली से उड़ा दिया था। उसी दिन आतंकियों ने घाटी में तीन अलग-अलग हमलों में तीन लोगों की हत्या की थी। घाटी में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हो रहे आतंकी हमलों को लेकर केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है और गृह मंत्री अमित शाह ने एक्सपर्ट्स की एक टीम को कश्मीर रवाना कर दिया है। आतंक रोधी विशेषज्ञों की यह टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर आतंकियों के सफाये के लिए काम करेगी।