Tuesday, April 16, 2024

केंद्र पैसे तो रोक ही रहा, जो अनुमति मिलनी चाहिए वो भी नहीं दे रहा-CM भूपेश

रायपुर 17 दिसंबर 2022: केंद्र सरकार केवल योजनाओं के पैसे ही नहीं रोक रही, जो नियमानुसार अनुमति मिलनी चाहिए वो भी नहीं दे रहे हैं। इससे प्रदेश के विकास पहिया थोड़ा धीमा हो गया है। अगर हमें एयरपोर्ट पर कार्गो की अनुमति मिल जाए तो हमारे उत्पाद विदेशों तक जाएंगे।

इससे रोजगार तो बढ़ेगा ही उद्योग भी फलेगा फूलेगा। यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का। चार साल पूरे होने पर यह भी संकेत दिए कि आने वाले एक साल में कई और जनहित की योजनाओं को वो शुरू करने वाले हैं।

क्या आप 4 साल के कार्यकाल को संतोषजनक मानते हैं या सुधार की जरूरत है?

-राहुल जी ने 2018 में मुझसे कहा था कि सबको लगना चाहिए कि ये सरकार, मेरी सरकार है। उस ही दिशा में हम लोग चल रहे हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है कि हर घर की अर्थव्यवस्था में सुधार हो। किसान, मजदूर, आदिवासी, महिलाएं, लघुवनोपज संग्राहक, युवा, सबको आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम हम लोगों ने किया है। गौधन न्याय योजना, किसान, भूमिहीन, तेंदूपत्ता संग्राहक योजना सब आपके सामने हैं। काजू, ईमली जैसे कई प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे है। इन वैल्यू एडिशन से रोजगार जनरेट हो रहा है और लोग आर्थिक मजबूत हो रहे हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या आप संतोषजनक काम कर पाए हैं?

-हाट बाजार क्लिनिक, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री विशेष सहायता स्वास्थ्य योजन से लोग सीधे लाभ पा रहे हैं। डॉक्टर, नर्स की भर्ती हुई हैं। अब उड़ीसा से लोग इलाज करवाने आ रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जो स्कूल बंद हो गए थे, वहां आत्मानंद स्कूल खोले जा रहे हैं। उच्च शिक्षा में 2 यूनिवर्सिटी खोली गई। कई कॉलेज खोले गए। रामवनपथगमन हो या आदिवासी नृत्य महोत्सव सबके माध्यम से हमने संस्कृति को बचाने और विश्व पटल पर लाने का काम किया है। लोक गीत, संगीत, पर्व, खेल को आगे बढ़ाने का काम किया है। बड़ी उपलब्धि यह है कि अब लोग गांव से पलायन नहीं कर रहे, उल्टा शहर से गांव वापस जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देना क्या आपकी चुनावी ताकत है?

-हमारी पहचान क्या है, हम छत्तीसगढ़िया है, हमारी बोली-भाषा, रहन-सहन से हमारी पहचान बनती है। पूर्व सरकार उसे पीछे धकेल रही थी, हमने आगे बढ़ाने का काम किया है।

ऐसा कौन सा काम है, जिसे आप नहीं कर पाए और करना चाहते हैं?

-हमने सभी क्षेत्रों को छुआ है। अब रीपा के तहत गांव-गांव में इंडस्ट्रियल प्लांट खोले जा रहे हैं। हर जिले, संभाग में सी-मार्ट खोले गए हैं। जब देश सोने की चिड़िया था तब गांव उत्पादन का केंद्र था, शहर विपणन का। वो व्यवस्था फिर से लागू कर रहे हैं। केंद्र अगर एथेनॉल की स्वीकृति दे दे तो किसानों को धान का और दाम मिले।

क्या कोई नई स्कीम लाने जा रहे हैं?

-हां, लेकिन समय आने पर बताएंगे।

आप 71 सीटों के साथ दोबारा सत्ता पाने की संभावना है या इससे आगे-पीछे होगा?

-आज तक किसी राजनैतिक दल को 68 सीट नहीं मिलीं। उसके बाद हर उपचुनाव में हम जीते तो हमारी सीट 71 हो गई। हमारे लिए चुनौती हमारे अपने रिकॉर्ड को ही मेंटेन करने की है।

बीजेपी ने जातिगत समीकरण के तहत कई चेहरे बदले हैं, आपकी क्या रणनीति है?

-जिस दिन विश्व आदिवासी दिवस मना रहा था, उसी दिन भाजपा ने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया। इससे उनकी मानसिकता समझ में आती है।

क्या भारत सरकार छत्तीसगढ़ के विकास में अड़ंगा लगा रही है?

-केंद्र लगातार पैसे ही रोकने का काम नहीं कर रही, जो अनुमति मिलनी चाहिए वो भी रोक रहे हैं। विकास के लिए ट्रेन का होना जरूरी है, लेकिन यहां तो 35-40 बंद कर दी गईं। हम एयरपोर्ट पर तीन साल से कार्गो हब के लिए मांग रहे हैं, लेकिन राजनीति के चलते अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि हमारे पास सारे इंफ्रास्ट्रक्चर हैं। छत्तीसगढ़ में वो चीजें हैं, जो दुनिया में नहीं मिलती। छत्तीसगढ़ के उत्पाद विश्व बाजार में क्याें नहीं होना चाहिए। अगर कार्गो मिलता, तो यहां व्यापार बढ़ता।

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