गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले की कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने बुधवार को पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान गांववालों के साथ-साथ वे भी जमीन पर ही बैठीं। उनके सरल अंदाज को देखकर लोग भी खुश हो गए। कलेक्टर ने लोगों की समस्याएं सुनकर उसका समाधान किया। साथ ही अन्य मांगों को भी जल्द ही पूरा करने का आश्वासन दिया। वे बुधवार को गौरेला विकासखंड के ग्राम पंचायत चुकतीपानी के आश्रित गांव बाजारडांड पहुंची थीं।
कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी लोगों की समस्याओं का निराकरण करने और उनकी आवश्यकताओं को जानने के लिए ग्राम बाजारडांड आई थीं। साथ ही उनका मकसद जिले के आखिरी छोर पर बसे आदिवासी बहुल इस गांव तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना भी था। कलेक्टर ने कहा कि अधिकतर लोग सरकारी योजनाओं से अनभिज्ञ हैं, जिसके कारण वे इसका लाभ नहीं ले पाते। इसलिए जिला प्रशासन उनके गांव तक पहुंचा है, ताकि उन्हें योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही हम उनकी जरूरतों से भी अवगत हो सकें।अमरकंटक की तराई में स्थित चुकतीपानी गांव में पहुंचीं कलेक्टर ने गांववालों को जब जमीन पर बैठे देखा, तो उन्होंने भी जमीन पर बैठने में जरा भी संकोच नहीं किया। उनके सरल स्वभाव को देखकर गांववाले भी उनसे खुल गए और अपनी बातों को उनके सामने बेझिझक होकर रखा। वन प्रबंधन नियम बनाने को लेकर भी चर्चा की गई।
सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के बारे में कलेक्टर ने दिया मार्गदर्शन
गांव बाजारडांड में आयोजित ग्राम सभा में कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने ग्रामीणों के बीच बैठकर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के बारे में मार्गदर्शन में दिया। ग्राम सभा में वन अधिकार कानून 2006 के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन दावा प्रक्रिया और सामुदायिक वन प्रबंधन पर नियम बनाने को लेकर चर्चा की गई। ग्राम सभा में सरपंच चुकतीपानी मानकुंवर करसायल, एफईएस संस्था के डीआरपी रीना रामटेके और बीआरपी चंद्र प्रताप सिंह उपस्थित थे।