राजनीति
BREAKING : बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी को लगा बड़ा झटका, TMC सांसद दिनेश त्रिवेदी ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा


New Delhi : बजट सत्र के पहले हिस्से के आखिरी दिन आज राज्यसभा में बड़ी राजनीतिक घटना हुई है। राज्यसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने सदन में ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि घुटन महसूस हो रही है। देश हित से ऊपर कुछ नहीं है। पार्टी हित और देश हित में से एक (देश हित) को चुनने का वक्त आ गया है। यह कहते हुए उन्होंने सांसद पद छोड़ने की घोषणा कर दी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले यह ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस्तीफे के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि वह बीजेपी का दामन थआम सकते हैँ।
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अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा, ‘हर मनुष्य के जीवन में एक घड़ी आती है, जब उसको उसकी अंतरआत्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी ऐसी ही घड़ी आई थी। देश बड़ा है या पक्ष बड़ा है। आज जब देखते हैं कि जब देश की क्या परिस्थिति है। पूरी दुनिया भारत के तरफ देख रही है।’

दिनेश त्रिवोदी ने राज्यसभा में कहा, ”जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है। मुझे बैठा-बैठा लगता है कि मैं करूं क्या? हसल में हम जन्मभूमि के लिए ही हैं। एक पार्टी में हैं तो उसका अनुशासन है। मुझे घुटन महसूस होती है कि मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूं। आज मुझे आत्मा यह कह रही है कि यहां बैठ-बैठे अगर आप चुपचाप रहो और कुछ नहीं कर सकते हो तो इस्तीफा दो। मैं यहां से आज इस्तीफा दे रहा हूं।”
दिनेश त्रिवोदी के इस्तीफे पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु एस रॉय ने कहा, ‘तृणमूल का मतलब है जमीनी स्तर। इससे हमें राज्यसभा में जल्द ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को भेजने का अवसर मिलेगा।’ वहीं, टीएमसी के ही एक सांसद सौगत राय ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से हम दुखी हैं। उन्होंने फैसला करने से पहले मुझसे बात नहीं की। हमें नहीं पता कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया।
आपको बता दें कि इससे पहले शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे मंत्रियों ने बंगाल में ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे की घोषणा भी ममता के लिए बड़ा झटका है।
दिनेश त्रिवेदी यूपीए सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं। पिछले साल अप्रैल महीने में उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण की थी। त्रिवेदी ने 1980 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने 1990 में जनता दल का दामन थाम लिया था। 1998 में जब ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस का गठन की तो त्रिवेदी भी उनके साथ खड़े थे।



राजनीति
छत्तीसगढ़ : भाजपा को लेकर CM बघेल का बड़ा बयान, कहा – “नक्सलियों की तरह ही भाजपा संविधान को नहीं मानते”


बीजापुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों भेंट-मुलाकात अभियान के तहत प्रदेश के दौरे पर निकले हैं। इस अभियान के दूसरे चरण में सीएम बस्तर संभाग के जिलों का दौरा कर रहे हैं। सीएम भूपेश ने शुक्रवार सुबह बीजापुर में प्रेस कांफ्रेस को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने एक बार फिर नक्सल मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।
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नक्सलियों से बातचीत के सवाल पर उन्होंने कहा कि नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास नहीं करते हैं तो फिर कैसे बात होगी। यदि दूसरा देश होता तो इंटरनेशनल कोर्ट में बात करते। लेकिन ये तो देश के अंदर का बात है और मैं संविधान के तहत ही नक्सलियों से बात करूंगा। वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि नक्सलियों की तरह ही भाजपा संविधान को नहीं मानते है। भाजपा के लोग सरकार को तोड़ने में लगे है।

सीएम ने कहा कि आदिवासी जल, जंगल ,जमीन का अधिकार चाहते है और छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें दे रही है। 2018 में बीजापुर में एक ट्रेक्टर बिका था, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद 3 सालो में 500 से अधिक ट्रैक्टर बिक गए हैं। वहीं 2018 में 16 बाइक बिकी थी लेकिन अब 3 सालों में 5000 हजार से अधिक बाइक बिक गई है।
इस दौरान सीएम भूपेश ने बीजापुर के लिए कई बड़ी घोषणाएं भी की। सीएम ने कहा कि बीजापुर में जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना के लिए पहल की जाएगी। सीएम ने मद्देड़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल, कईका में नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र, हाई स्कूल चेरपल्ली को हायर सेकेंडरी, भोपालपटनम और नेमेड में मिनी स्टेडियम बनाने का ऐलान किया। इसके साथ ही आईटीआई बीजापुर से तुमनार तक 4 किमी सड़क का उन्नयन करने की भी घोषणा सीएम ने की।


क्राइम
नवजोत सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका, 34 साल पुराने केस में एक साल सश्रम कैद की सजा, सिद्धू ने दी यह प्रतिक्रिया


नई दिल्ली : पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। उच्चतम न्यायालय ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सुप्रीम ने उनको एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। सिद्धू को जब सुप्रीम कोर्ट सजा सुना रहा था उस समय वह हाथी पर सवार होकर महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे।
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सजा पर आई नवजोत सिंह सिद्धू की प्रतिक्रिया, सरेंडर करने के संकेत दिए

Will submit to the majesty of law ….
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
सजा पर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह कानून की महिमा के लिए खुद को प्रस्तुत करेंगे। इस ट्वीट से माना जा रहा है सिद्धू अदालत या पुलिस के समक्ष सरेंडर करेंगे। वैसे मीडिया कर्मियों ने सिद्धू से बात करने और सजा पर उनकी प्रतिकिया जानने की कोशिश की तो उन्होंने नो कमेंट कहा और अपनी कार से निकल गए।
जब सजा सुनाई जा रही थी उस समय नवजोत सिद्धू महंगाई के खिलाफ पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे
Protest against inflation.
Inflation devalues money of Farmers, Labourers, Middle class families, while earnings remain same. Cost of food, housing, transport & healthcare has increased by over 50%, reducing vale of 250 wage to less than 150. Pushing crores people into poverty. pic.twitter.com/3dclrMJWhB— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
सिद्धू पर 34 साल पहले पटियाला में सड़क पर हुए विवाद में गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने का आरोप है। गुरनाम सिंह की अस्पताल में मौत हो गई थी। रोडरेज का यह मामला 27 दिसंबर, 1988 का है। नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला में कार से जाते हुए गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से भिड़ गए थे।
आरोप है कि गुस्से में नवजोत सिद्धू ने उन्हें मुक्का मार दिया, जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सुबूतों के अभाव में 1999 में बरी कर दिया था, लेकिन पीड़ित पक्ष पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया। गुरनाम सिंह के सवजनों का आरोप था कि सिद्धू ने गुरनाम सिंह के सिर पर मुक्का मारा और गुरनाम सिंह को ब्रेन हेमरेज हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई ।
साल 2006 में हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वहां से उनको राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया। इसके बाद गुरनाम सिंह के स्वजनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने उनको एक साल जेल की सजा सुनाई है।
2006 में जब हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी, तब वह भाजपा में थे और अमृतसर से सांसद थे। उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना पड़ा और वह फिर से जीत गए थे।


क्राइम
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल उइके का ट्विटर अकाउंट हुआ हैक! एलन मस्क के क्रिप्टोकरेंसी पर ट्वीट को टैग कर कई बार बताया-बड़ा दिन और क्रिप्टो न्यूज़


रायपुर : छत्तीसगढ़ की महामहिम राज्यपाल अनुसूईया उइके के आधिकारिक ट्विटर हैंडल हैक हो गया हैं। हैंडल में से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अजीब ट्वीट किए हैं। इस हैंडल से क्रिप्टोकरेंसी के समर्थन में एक-दो नहीं बल्कि 17 बार पोस्ट किया गया है। राजभवन के सूत्रों का कहना है कि यह हैंडल हैक हो गया है, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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गुरुवार को ट्विटर पर अमेरिकी-कनाडाई कारोबारी एलन मस्क की ओर से एक पोस्ट डाली गई। उसमें उन्होंने लिखा, क्रिप्टोकरेंसी कई स्तरों पर एक अच्छा विचार है और हमें विश्वास है कि इसका भविष्य आशाजनक है। em4crypt.com का लिंक डालते हुए उस पोस्ट में कहा गया था आओ सब मिलकर इसका समर्थन करें। इस पोस्ट को टैग करते हुए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के आधिकारिक हैंडल से एक जवाब पोस्ट हुआ। लिखा था, यह एक बड़ा समाचार है। उसके बाद अगले आधे घंटे तक 15 और बार यही वाक्य घुमा-फिरा कर लिखा गया। बाद में लिखा गया कि यह एक बड़ा दिन है!

इसको लेकर राजभवन के अधिकारियों से बात की गई तो उन्हें भी जानकारी नहीं थी। उन्होंने आशंका जताई है कि हैंडल हैक हो गया है। राजभवन के अधिकारी इसका पता लगाने की कोशिश में लग गए। करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद हैंडल पर फिर से काबू पाया जा सका है। अब वह नियंत्रण में है। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि हैंडल को अधिक सुरक्षित करने के उपाय किए जा रहे हैं।
पोस्ट हटाए गए
राजभवन के अधिकारियों और सोशल मीडिया टीम ने ट्विटर की मदद से अकाउंट को रीस्टोर कर लिया है। उसपर से पिछले कुछ घंटों के दौरान किए गए सभी संदिग्ध पोस्ट को हटा लिया गया है। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह साइबर अटैक कहां से हुआ था।


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