Sports Desk : पांच बार वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़कर टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बावजूद भारतीय पैरा भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने कहा कि यह उनका बेस्ट प्रदर्शन नहीं था और वह इससे बेहतर करके दिखाएंगे। कुश्ती से भालाफेंक में आए सुमित ने पुरूषों की एफ64 स्पर्धा में गोल्ड जीतकर भारत की झोली में दूसरा पीला तमगा डाला। हरियाणा के सोनीपत के 23 साल के सुमित ने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर दूर तक भाला फेंका जो दिन का बेस्ट प्रदर्शन और एक नया वर्ल्ड रिकार्ड था। उन्होंने 62.88 मीटर के अपने ही पिछले विश्व रिकार्ड को दिन में पांच बार बेहतर किया।
सुमित ने कहा, ‘ यह मेरा पहला पैरालंपिक था और मुकाबला कड़ा होने के कारण मैं थोड़ा नर्वस था। मैं सोच रहा था कि 70 मीटर से अधिक का थ्रो जाएगा। शाायद मैं 75 मीटर भी कर सकता था। यह मेरा बेस्ट प्रदर्शन नहीं था लेकिन विश्व रिकॉर्ड तोड़कर मैं खुश हूं। मोटरसाइकिल दुर्घटना में बायां पैर गंवाने से पहले सुमित एक पहलवान थे। उन्होंने कहा, ‘ मैं बहुत अच्छा पहलवान नहीं था। मेरे इलाके में परिवार आपको पहलवानी में उतरने के लिए मजबूर करता है। मैने सात आठ साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना शुरू का दिया था और चार पांच साल तक खेलता रहा। मैं इतना अच्छा पहलवान नहीं था।’
डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार से छीना गया ब्रॉन्ज मेडल
भारत के चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य पाए जाने के बाद पैरालंपिक की पुरूषों की एफ52 स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल गंवा दिया। बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद कुमार ने रविवार को 19.91 मीटर के बेस्ट थ्रो से एशियाई रिकार्ड बनाते हुए पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) के पीछे तीसरा स्थान हासिल किया था। हालांकि किसी प्रतिस्पर्धी ने इस नतीजे को चुनौती दी।
आयोजकों ने एक बयान में कहा, ‘ पैनल ने पाया कि एनपीसी (राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति) भारत के एथलीट विनोद कुमार को ‘स्पोर्ट क्लास आवंटित नहीं कर पाया और खिलाड़ी को ‘क्लासिफिकेशन पूरा नहीं किया (सीएनसी) चिन्हित किया गया। एथलीट इसलिए पुरूषों की एफ52 चक्का फेंक स्पर्धा के लिए अयोग्य है और स्पर्धा में उसका नतीजा अमान्य है।’