उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की आठ जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया।लेखपाल भर्ती परीक्षा कराने की जो जिम्मेदारी सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से छीनकर लोक सेवा आयोग को सौंपी थी, वह भी नकल की भेंट चढ़ गई। चिंताजनक यह है कि नकल के इस धंधे में परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के ही कुछ लोग शामिल हैं। ये नकल माफिया के साथ मिलकर बेरोजगारों के साथ दगा कर रहे हैं।
आयोग ने 13 सरकारी विभागों के लिए समूह ग-स्नातक स्तर के 916 पदों, सचिवालय रक्षक के 33 पद और वन दारोगा के 316 पदों के लिए परीक्षा कराई थी, जिनमें कुल दो लाख, 26 हजार, 388 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।लेखपाल के 536 पदों के लिए आठ जनवरी को हुई परीक्षा में एक लाख, 58 हजार, 210 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, जबकि एक लाख, 14 हजार, 71 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए। परीक्षा सभी 13 जिलों में 458 केंद्रों में कराई गई।
अति गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पत्नी के साथ मिलकर लीक कराया। एसटीएफ ने अनुभाग अधिकारी, पत्नी समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से परीक्षा सामग्री और 41.50 लाख रुपये बरामद हुए हैं। आयोग ने आरोपी अनुभाग अधिकारी को निलंबित करते हुए पटवारी भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है।इसके एवज में संजीव चर्तुवेदी व रितु को नगद धनराशि देकर, उक्त प्रश्न पत्र संजीव तथा राजपाल ने रामकुमार व अन्य के माध्यम से अभ्यर्थियों में बांट कर उनसे पैसे लिए गए।
राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि अब लेखपाल भर्ती परीक्षा विजिलेंस, इंटेलीजेंस और पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी में 12 फरवरी को होगी। वहीं, 12 फरवरी को होने वाली सहायक लेखाकार व लेखा परीक्षक की भर्ती परीक्षा 19 फरवरी को होगी। बाकी परीक्षाओं का कैलेंडर पूर्ववत रहेगा। पेपर सुरक्षित रखने के लिए आयोग कार्यालय में विजिलेंस व इंटेलीजेंस का सेल बनाने को सरकार को पत्र भेजा गया है।