देश-विदेश
Uttrakhand : राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, दे सकते हैं इस्तीफा


Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat: उत्तराखंड में मचा सियासी तूफान पटाक्षेप के करीब पहुंच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मिलने जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि उन्हें अपना इस्तीफा सौंप देंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे, जिसमें वह इस्तीफा देने की आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं।
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प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री और श्रीनगर से बीजेपी विधायक धन सिंह रावत मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इसके अलावा एक उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है। इसके लिए खटीमा से बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम आगे चल रहा है।
आज रात तक केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत गौतम के देहरादून पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद कल या परसों उत्तराखंड बीजेपी विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री का फैसला औपचारिक रूप से होगा।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। पर्यवेक्षकों ने कोर ग्रुप और प्रमुख विधायकों-सांसदों की राय के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व ने को बताया है कि राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसके बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भूमिका तैयार हो गई थी।
सोमवार देर शाम जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, तो उन्हें इस बारे में सूचित कर दिया गया था। दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद रावत मंगलवार दोपहर देहरादून पहुंचे।
इनका नाम चल रहा है आगे
राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में धन सिंह रावत के अलावा सांसद अनिल बलूनी और नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट भी दावेदार बताए जा रहे हैं। इसके अलावा सतपाल महाराज का नाम भी रेस मे शामिल है। उन्होंने हाल ही में संघ के प्रणुख नेताओं से इस सिलसिले में मुलाकात की थी।
इस वजह से लिया फैसला
सूत्रों की मानें तो पार्टी के विधायकों ने उत्तराखंड पहुंच पर्यवेक्षकों के सामने यह आशंका जताई थी कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री रहे तो पार्टी अगला चुनाव हार सकती है। दिल्ली से विशेषतौर से भेजे गए पर्यवेक्षक रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद सिंह ने अपनी रिपोर्ट पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी थी। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड में असंतुष्ट नेताओं सहित बेलगाम होती ब्यूरोक्रेसी सहित मंत्रिमंडल विस्तार में देरी बातों का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही सीएम त्रिवेंद्र के भाग्य का फैसला हुआ है।
सिर्फ एनडी तिवारी पूरा कर पाए हैं कार्यकाल
उत्तराखंड की सियासत का मिजाज ही कुछ ऐसा है कि यहां किसी मुख्यमंत्री का पांच साल तक बने रहना मुश्किल हो जाता है। अभी तक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर किसी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। भाजपा के तो किसी मुख्यमंत्री ने नहीं। वैसे राज्य की सत्ता में भाजपा तीसरी बार आई है, लेकिन मुख्यमंत्री कई बदल चुके हैं।
उत्तराखंड राज्य का गठन वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की सरकार के कार्यकाल में हुआ था।
उत्तर प्रदेश से अलग होने पर उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनी लेकिन दो साल में ही राज्य ने दो मुख्यमंत्री देखे। नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 9 नवंबर 2000 को शपथ ली थी लेकिन एक साल भी ही उन्हें कुर्सी से हटना पड़ा। उनके खिलाफ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया था। 29 अक्टूबर 2001 को उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। नित्यानंद के इस्तीफा देने के के बाद भाजपा ने भगत सिंह कोश्यारी को कमान सौंपी।
भगत सिंह कोश्यारी ने 30 अक्टूबर 2001 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। एक मार्च 2002 तक ही वह अपनी कुर्सी पर रहे। साल-2002 का चुनाव भाजपा भगत सिंह कोश्यारी की अगुवाई में लड़ी। पार्टी को इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। सत्ता कांग्रेस के हाथ लगी। भगत सिंह कोश्यारी सिर्फ 123 दिन ही मुख्यमंत्री पद पर रह सके।
कांग्रेस ने नारायण दत्त तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया। नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने साल-2002 से 2007 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। साल-2007 के चुनाव में कांग्रेस की हार हुई। राज्य की सत्ता में एक बार फिर भाजपा की वापसी हुई। वर्ष- 2007 से 2012 के बीच अपने पांच साल के कार्यकाल में भाजपा ने उत्तराखंड में तीन बार मुख्यमंत्री बदले। 2007 में सत्ता वापसी के बाद भाजपा ने आठ मार्च 2007 को भुवन चन्द्र खंडूरी को सीएम बनाया। वह 23 जून 2009 तक ही इस पद रह सके। उनके बाद भाजपा ने रमेश पोखरियाल निशंक को सत्ता की कमान सौंपी। निशंक ने 24 जून 2009 को सीएम बने लेकिन चार महीने बाद ही उनकी कुर्सी चली गई। 10 सितम्बर 2011 को निंशक को भाजपा ने भुवन चन्द्र खंडूरी को दोबारा सीएम बना दिया। वर्ष-2012 का चुनाव खंडूरी के नेतृत्व में लड़ा गया लेकिन सत्ता में भाजपा की वापसी नहीं हो सकी।
कांग्रेस ने भी बीच में बदले मुख्यमंत्री
2012 के चुनाव में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी लेकिन पांच साल में दो बाद सीएम बदले गए। 13 मार्च 2012 को विजय बहुगुणा तो दो साल बाद एक फरवरी 2014 को हरीश रावत ने सीएम पद की शपथ ली। हरीश रावत को भी अपनों की राजनीति का सामना करते रहा पड़ा। कांग्रेसी विधायकों की बगावत के चलते वर्ष-2016 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। हालांकि बाद बाद में कोर्ट से राहत मिल गिर और दोबारा से सत्ता में वापसी हुई। वर्ष-2017 के चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को हरा दिया। राज्य की सत्ता में प्रचंड बहुमत से भाजपा की वापसी हुई। 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन चार साल बाद अब उनके खिलाफ पार्टी में विधायकों का एक धड़ा आवाज उठा रहा है।



देश-विदेश
BIG BREAKING : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने CM और MLC पद से किया इस्तीफा का एलान ; विधानसभा में कल फ्लोर टेस्ट


मुंबई : महाराष्ट्र से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीएम पद छोड़ने का ऐलान किया है साथ ही उन्होंने विधान परिषद की भी कुर्सी छोड़ दी है। मिली जानकारी के अनुसार उद्धव ठाकरे राजभवन के लिए रवाना हो गए हैं।
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मैं इस्तीफा दे रहा हूं
कांग्रेस ने मंत्रिमंडल से निकलने की पेशकश की है। बागियों को अपने संदेश में सीएम उद्धव ने कहा कि हो सकता है कल फ्लोर टेस्ट में आप जीत जाएं लेकिन आपको याद रखना चाहिए कि आपके पास कितनी संख्या है मुझे इससे मतलब नहीं है। आप कल जाकर बताएं कि बालासाहेब ने आपको कितना बढ़ाया और आपने बालासाहेब के बेटे को नीचे लाने का पुण्य किया है।
कल होगा फ्लोर टेस्ट
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में कल बहुमत परीक्षण होगा। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम अदालत ने हालांकि शिवसेना व्हिप चीफ सुनील प्रभु की याचिका पर स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल के फैसले को सही कहा और 30 जून को बहुमत परीक्षण की इजाजत दे दी है। इससे पहले फ्लोर टेस्ट पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता का मामला लंबित होने से फ्लोर टेस्ट नहीं रुक सकता। इसके साथ ही सीएम उद्धव ठाकरे को तगड़ा झटका लगा है। हालांकि इससे पहले सीएम उद्धव ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों से ढाई साल तक सहयोग करने के लिए धन्यवाद कहा। सूत्रों से जानकारी मिली है कि फ्लोर टेस्ट से पहले वो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी राय है कि इन मसलों का सही समाधान विधानसभा का सदन ही हो सकता है। अदालत ने बोम्मई केस का हवाला देते हुए कहा कि बहुमत का फैसला तो सदन में ही हो सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद एनसीपी नेताओं नवाब मलिक और अनिल देशमुख को कल महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी।
बीजेपी की एंट्री
महाराष्ट्र के सियासी संकट में भारतीय जनता पार्टी की भी एंट्री हो गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। जिस पर राज्यपाल की ओर से 30 जून को उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा है। ऐसी स्थिति में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुमत का फैसला सिर्फ सदन के पटल पर हो सकता है। उधर, गुवाहाटी में ठहरे बागी विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे गोवा के लिए रवाना हो गए हैं। शिंदे ने ऐलान किया है कि वो 30 जून को मुंबई पहुंचेंगे


CORONA VIRUS
COVID UPDATE : भारत में कोरोना वायरस केसों में 23% उछाल, पिछले 24 घंटे में 14,506 नए मामले


मुंबई : भारत में COVID-19 केसों में 23 फीसदी उछाल आया है और पिछले 24 घंटे में 14,506 नए मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि इस अवधि में कोरोना वायरस से 30 लोगों की मौत हुई है. बता दें कि कल कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की गई थी और 11,793 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं आज कोरोना के नए मामलों में वृद्धि देखी गई है. इस समय देश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 99,602 है. पिछले 24 घंटे में 11,574 लोग कोरोना से सही हुए हैं. अब तक देश में कोरोना के कुल 43,433,345 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं कोरोना से हुई मौतों का कुल आंकड़ा 525,077 है.
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सरकारी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 13,44,788 वैक्सीन लगाई गई हैं. जबकि देश में अब तक कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 1,97,46,57,138 पहुंच गया है.
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 874 नये मामले सामने आये हैं. जबकि संक्रमण से चार लोगों की मौत हो गई. राजधानी में संक्रमण दर 5.18 फीसदी से नीचे है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गयी है. आंकड़ों में कहा गया है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को संक्रमण के 628 नये मामले सामने आये थे. जबकि तीन लोगों की इससे मौत हो गयी थी. संक्रमण दर सोमवार को आठ फीसदी से अधिक था. आंकड़ों के अनुसार नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 19,32,900 हो गई है. जबकि मरने वालों की संख्या बढ़ कर 26,260 पर पहुंच गयी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उपचारधीन मामलों की संख्या कम होकर 4,482 पर आ गयी है.


देश-विदेश
BREAKING : खतरे में महाराष्ट्र की उद्धव सरकार! देवेंद्र फडणवीस ने गवर्नर से की फ्लोर टेस्ट की मांग


मुंबई : महाराष्ट्र में सियासी भूचाल के बीच अब फ्लोर टेस्ट लगभग तय हो गया है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर जल्द फ्लोर टेस्ट करने की मांग की है। वहीं सूत्रों का कहना है कि आठ निर्दलीय विधायकों ने भी गवर्नर को ईमेल भेजकर फ्लोर टेस्ट की मांग रखी है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने कहा है कि मौजूदा परिस्थिति में शिवसेना के 39 विधायक बाहर हैं और वो लगातार कह रहे हैं कि वो एनसीपी और कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहते। इसका मतलब है कि वो सरकार को समर्थन नहीं देना चाहते। इसलिए सरकार अल्पमत में दिख रही है। इसलिए राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वो तुरंत सीएम उद्धव ठाकरे से कहें कि वो बहुमत साबित करें।
माना जा रहा है कि 11 जुलाई से पहले ही महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। भाजपा ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों से कहा है कि कुछ दिनों तक वे मुंबई में ही रहें।
एकनाथ शिंदे ने बुलाई आपात बैठक
देवेंद्र फडणवीस की गवर्नर से मुलाकात से थोड़ी देर पहले ही अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुलाकात की। बताया यह भी गया कि फडणवीस के साथ कुछ विधायक भी पहुंचे थे। वहीं शिंदे गुट ने भी रात में ही विधायकों के साथ इमर्जेंसी बैठक की है।


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