Special News
आज वैलेंटाइन डे, भोपाल- रायपुर समेत कई शहरों में पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ; जानिए देश में कब और कहां हुई वैलेंटाइंस डे की शुरुआत, किसने किया था प्यार का इजहार


रायपुर : प्रेम के पर्व के रूप में मनाये जाने वाले वैलेंटाइन डे पर राजधानी रायपुर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शहर के सभी पार्क, मॉल समेत सभी सार्वजनिक जगहों और पर्यटन स्थलों पर करीब 200 से अधिक पुलिस बल को तैनात किया गया है।
RO-NO-12027/80
इसके अलावा अतिरिक्त बल बसों में तैनात रहेगा, जो पूरे शहर के सभी पार्क, मॉल समेत सभी सार्वजनिक स्थलों पर घूम घूमकर सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।

सुरक्षा बल की टीम वेलेंटाइन डे का विरोध करने वालों समेत असामाजिक तत्वों पर नजर रखेंगी, साथ ही सभी थानों की पेट्रोलिंग टीम को इलाके में गश्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पुलिस ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है ।
कब और कहां हुई वैलेंटाइंस डे की शुरुआत
यूं तो वैलेंटाइन डे से अनेकों कहानियां जुड़ी हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, इनमें से एक कहानी का कनेक्शन उत्तराखंड से भी है। कहते हैं भारत में वैलेंटाइन डे सेलिब्रेशन की शुरुआत पहाड़ों की रानी मसूरी से हुई थी। इसी जगह पर साल 1843 में पहला वैलेंटाइन खत लिखा गया था। मसूरी मर्चेंट द इंडियन लेटर्स पुस्तक इस बात का सबूत है, कि देश में वैलेंटाइन डे की शुरुआत साल 1843 में हुई।
उन दिनों इंग्लैंड में जन्मे मोगर मांक मसूरी में जॉन मकैनन के बर्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक हुआ करते थे। इसी दौरान उन्हें एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया। मोगर मांक ने वैलेंटाइन डे पर अपने प्यार का इजहार करने की ठानी और 14 फरवरी 1843 को एक खत मसूरी से अपनी बहन मारग्रेंट मांक के नाम इंग्लैंड भेजा। खत में उन्होंने अपने दिल का हाल बताया। उन्होंने लिखा था कि प्रिय बहन वैलेंटाइन डे के दिन ये पत्र लिख रहा हूं।
मैं बताना चाहता हूं कि मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है, मैं उसके साथ बहुत खुश हूं। साल 1849 में मोगर मांक का निधन हो गया। इतिहासकार बताते हैं कि उस वक्त वो मेरठ में रह रहे थे। उनके लिखे खत के बारे में 150 साल बाद तब पता चला, जब मोगर मांक के रिश्तेदार एंड्रयू मारगन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया। वैलेंटाइन डे पर लिखा ये लेटर रिकॉर्ड बुक में दर्ज है, इसीलिए माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वैलेंटाइन डे का आगाज हुआ होगा।
इस बारे ने मसूरी के प्रसिद्ध इतिहासकार गोपाल भारद्वाज कहते हैं कि यूरोप में वेलेंटाइन डे हजारों साल पहले से मनाया जाता है। लेकिन, ऑन रिकार्ड के अनुसार मोगर मांक वर्ष 1828 से 1849 तक मसूरी में रहे। इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम वेलेंटाइन डे का जिक्र 14 फरवरी 1843 में अपनी बहन को लिखे पत्र में किया। इससे पहले का ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिसमें वेलेंटाइन डे का जिक्र हुआ हो।
वेलेंटाइन डे प्यार के इजहार का दिन। अपने प्यार का इजहार करने लिए इस दिन का ‘लव बर्ड’ को पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन, यह भी गौर करने वाली बात है कि वेलेंटाइन डे पर आज के युवा महज प्यार के बंधन तक ही सीमित हैं। शायद ही किसी ने वेलेंटाइन डे की उत्पत्ति और इसे मनाने के पीछे छिपे मंतव्य को जानने की कोशिश की होगी। बावजूद इसके गांव-कस्बों से लेकर शहर व महानगरों तक में युवा पीढ़ी धूमधाम से वेलेंटाइन डे मनाती है।



Special News
CG : पिता को नक्सलियों ने गांव से भगाया, बेटे ने जीता राष्ट्रीय मल्लखंभ प्रतियोगिता ; गिनीज बुक आफ रिकार्ड के नामांकन राशि के लिए CM बघेल ने दिए निर्देश


- अबूझमाड़ से निकलकर 12 साल के राकेश ने जीती राष्ट्रीय मल्लखंभ प्रतियोगिता
- इंडिया बुक आफ रिकार्ड में शामिल हुआ नाम
- पहले और दूसरे दोनों स्थान पर अबूझमाड़ के खिलाड़ी
रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुदूर गांव अबूझमाड़ के रहने वाले 12 साल के राकेश वर्दा को चार साल पहले अपने पिता के साथ ओरछा गांव छोड़ना पड़ा था. बेटे की खेल में रूचि को देखते हुए नक्सलियों ने पिता को धमकी दी ओर बेटे को खेलना बंद करने को कहा. ऐसा ना करने पर नक्सलियों ने राकेश के पिता को गांव छोड़ने को कहा. पिता ने बेटे की रुचि को प्राथमिकता दी और उसे कुतुलगरपा गांव ले आए. यहां 8 साल के राकेश वर्दा को छत्तीसगढ़ स्पेशल टास्क फोर्स में काम करने वाले मनोज प्रसाद मिले जो मल्लखंब के प्रशिक्षक हैं.
RO-NO-12027/80
नई जगह में राकेश के जज्बे को एक नई रौशनी मिली और महज 12 वर्ष की उम्र में राकेश ने महाराष्ट्र के गोरेगांव में आयोजित राष्ट्रीय मल्लखंब हैंडस्टैंड प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम कर लिया. राकेश ने 1 मिनट 6 सेकेंड तक हैंडस्टैंड करते हुए न सिर्फ विजेता का खिताब जीता बल्कि भारत और विश्व के लिए एक नया कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया. इससे पहले भारत का बेस्ट रिकार्ड 30 सेकेंड का था.

मल्लखंभ हैंडस्टैंड प्रतियोगिता के लिए देश भर के 1000 खिलाड़ी शामिल हुए थे. खास बात ये है कि दूसरा स्थान भी अबूझमाड़ के रहने वाले 11 साल के राजेश कोर्राम ने प्राप्त किया. इस प्रदर्शन के साथ ही राकेश का नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया है. राकेश ने इस प्रदर्शन के लिए गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए भी आवेदन किया है जिसे स्वीकार कर लिया गया है. लेकिन इस आवेदन के लिए जरूरी 80 हजार रूपए की फीस भर पाने में राकेश समर्थ नहीं है. राकेश की इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने हाथ मिलाकर उसे बधाई दी और गिनीज बुक आफ रिकार्ड्स के नामांकन में राकेश की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने कलेक्टर नारायणपुर को निर्देश दिए.
राष्ट्रीय मल्लखंब हैंडस्टैंड प्रतियोगिता जीतने वाले राकेश वर्दा समेत छत्तीसगढ़ के 10 खिलाड़ियों का चयन हरियाणा में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया प्रोग्राम के लिए किया गया है. अबूझमाड़ के जंगलों से निकलकर देश में पहचान बनाने वाले 12 साल के राकेश वर्दा के प्रदर्शन से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवांवित है.


Special News
छत्तीसगढ़ : जब मंटूराम ने मुख्यमंत्री को बताया कि पत्नी संग रातभर करता हूं गोबर की चौकीदारी


- मैं और मेरी पत्नी रातभर दो शिफ्ट में टॉर्च लेकर रखते हैं गोबर पर नजर : मंटूराम
- गोधन न्याय योजना में गोबर बेचकर मिले 28 हजार रुपये तो मकान कराया रिपेयर, अब नहीं टपकती छत
रायपुर : गोबर की चौकीदारी। जी हां, सुनने में अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच है । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरू में रहने वाले किसान मंटू राम कश्यप गोबर की चौकीदारी करते हैं , और ये बात मंटूराम ने स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतायी । मौका था बीजापुर जिले के कुटरू में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम का।
RO-NO-12027/80
मुख्यमंत्री को मंटूराम ने बताया कि मैं रात में टॉर्च लगा कर गोबर की चौकीदारी करता हूं , और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं । उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचते हैं।

"गोबर की चौकीदारी"
ये मज़ाक नहीं,बल्कि सच्चाई है। @DistrictBijapur के कुटरू के किसान मंटू राम ने बड़े भोलेपन से मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel को गोबर की चौकीदारी की बात बताई,जिस गोबर की कल तक कोई कीमत नहीं थी।आज उसी #गोधन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूती हो रही है। #BhetMulakat pic.twitter.com/JEnGJmQieO— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) May 19, 2022
मंटूराम ने बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रु में बेचा है । बकौल मंटूराम पहले गोबर को कोई नहीं पूछता था लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है । कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे । इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे।
पत्नी के साथ शिफ्ट में चौकीदारी – मंटूराम गोबर की चौकीदारी रातभर करते हैं । उनके इस काम मे उनकी पत्नी भी साथ देती हैं । वे कहते हैं कि रातभर जागना संभव नहीं है । इसलिए वे और उनकी पत्नी दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं । रात में कुछ देर मैं फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं ।
आखिर क्यों पड़ी चौकीदारी की जरूरत- मंटूराम बताते हैं कि रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि गोबर कोई ले तो नहीं गया । वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है, तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है । एक दिन इकठ्टा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए । इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा।
गोधन न्याय योजना से मिले रुपयों से रिपेयर कराया मकान – मंटुराम कश्यप ने बताया कि उनके पास 15 गाय- भैंसे हैं । अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं । उन्होंने बताया कि उनके मकान से पानी टपकता था । जिसे बहुत दिन से रिपेयर कराना चाहते थे । गोबर बेचकर मिले पैसे से उन्होंने मकान रिपेयर करा लिया है । मकान में प्लास्टर भी करा लिया है । अब छत से पानी टपकने की समस्या भी खत्म हो गयी है ।


Special News
CG : कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम मुदराज ने CM को सुनाई आपबीती…कहा आत्मग्लानि में किया सरेंडर, आज हूं इंस्पेक्टर : देखिए वीडियो


- मेरे बच्चे पढ़ रहे इंग्लिश मीडियम स्कूल में और जी रहे अच्छी लाइफ स्टाइल
- मड़कम के हाथों में हथियार अब भी, लोगों की जान लेने नहीं बल्कि बचाने के लिए
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंस्पेक्टर मड़कम को अपने पास बुलाकर कंधे पर हाथ रखा और बजवायी ताली
सुकमा : कभी नक्सली संगठन में कमांडर रहे मड़कम मुदराज ने कोंटा में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आप बीती सुनाई और कहा कि मैं आपसे हाथ मिलाना चाहता हूं। इस पर मुख्यमंत्री ने बड़ी आत्मीयता से मड़कम के कंधे पर हाथ रखा और हाथ भी मिलाया।
RO-NO-12027/80
मड़कम ने कहा- “मुख्यमंत्री जी आपने सड़क, कैम्प और स्कूलों को सुधारकर नक्सल प्रभावित इलाके की तस्वीर बदल दी है। अब यहाँ लोगों में नक्सलियों का खौफ नहीं बल्कि आगे बढ़ने की चाहत है। यहां के लोग सरकार की योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने मड़कम के मुख्यधारा में लौटने पर सराहना की और उनके लिए ताली भी बजवायी। देखिए विडियो :

इंस्पेक्टर मड़कम मुदराज बदलते छत्तीसगढ़ का एक नायाब उदाहरण हैं।कभी माओवादी रहे मड़कम के बच्चे आज अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ रहे हैं।आत्मसमर्पण के बाद एसपीओ से अब वह इंस्पेक्टर बन गए हैं।उन्होंने मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel को धन्यवाद दिया और क्या कहा,सुनिए-#BhetMulakat pic.twitter.com/RRxXc0YlOR
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) May 18, 2022
मड़कम के हाथों में बंदूक पहले भी थी और आज भी है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले खौफ ग्रामीणों में था और आज नक्सली इनके नाम से कांपते हैं। मड़कम ने बताया कि वे राह भटककर नक्सली संगठन में शामिल हो गए थे। लेकिन अपने ही भाई बन्धुओं का खून बहाने से आत्मग्लानि के चलते नींद नहीं आती थी। फिर एक दिन आत्मसमर्पण करने की ठान ली। आत्मसमर्पण के बाद एसपीओ बने। इसके बाद सिपाही, एएसआई, एसआई और अब डीआरजी में इन्स्पेक्टर हैं।
पत्नी को भी दी थी नक्सली ट्रेनिंग- मड़कम बताते हैं कि कभी उनकी पत्नी भी उनके साथ संगठन में थीं। मैं ही उसे ट्रेनिंग देता था लेकिन हम दोनों ने तय किया कि अब खून-खराबे की जिंदगी नहीं जीना है। जिनके खिलाफ हमने बन्दूक उठाई है वे हमारे ही भाई-बहन हैं। मुख्यधारा में लौटकर अच्छा जीवन जीना है।
आज बच्चे जी रहे अच्छी लाईफ स्टाइल-
मड़कम कहते हैं कि आज वे उच्च पद पर पहुँच गए हैं। सैलरी भी अच्छी है। इस कारण बच्चों को अच्छे से पढ़ा पा रहे हैं। मेरे तीनों बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ रहे हैं और अच्छी लाइफ स्टाइल जी रहे हैं। अगर आज नक्सली संगठन में होता तो इन सब चीजों की कल्पना भी नहीं कर सकता था।


-
आस्था5 days ago
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में जिस जगह पर शिवलिंग मिला उसे तुरंत सील करने का कोर्ट ने दिया आदेश ; वजू पर पाबंदी
-
राज्य एवं शहर6 days ago
छत्तीसगढ़ : दुर्ग जिले में 20 थाना प्रभारियों का हुआ ट्रांसफर ; देखिए लिस्ट
-
क्राइम4 days ago
छत्तीसगढ़ : रायपुर में अनाज कारोबारी से 50 लाख की लूट ; डूमरतराई में 9 बाइक सवारों ने घेरकर पीटा ; फिर बैग लेकर हुए फरार
-
राजनीति5 days ago
छत्तीसगढ़ में भाजपा का जेल भरो आंदोलन जारी, रायपुर में बृजमोहन अग्रवाल सहित 2000 कार्यकर्ता गिरफ्तार ; अन्य जिलों में भी जारी है प्रदर्शन
-
क्राइम4 days ago
CG : मीना खलखो हत्याकांड में 3 पुलिसकर्मी बरी, बलरामपुर में नक्सली बताकर युवती की हुई थी हत्या ; 11 साल बाद कोर्ट का फैसला
-
Special News3 days ago
CG : कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम मुदराज ने CM को सुनाई आपबीती…कहा आत्मग्लानि में किया सरेंडर, आज हूं इंस्पेक्टर : देखिए वीडियो
-
Special News5 days ago
छत्तीसगढ़ : Dial 112 की टीम ने बचाई एक और जान : बिलासपुर में पंखे से फंदा लगाकर सुसाइड का प्रयास कर रहे युवक को पुलिस ने बचाया
-
बॉलीवुड तड़का - Entertainment6 days ago
छत्तीसगढ़ : रायपुर में चैरिटी शो में बॉलीवुड सिंगर लकी अली ने किया परफॉर्म, रकम से बनेंगे क्लासरूम ; राजकीय गमछा से हुआ स्वागत