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काम की खबर : 157 रुपये में SBI उठाएगा आपके Covid-19 इलाज का खर्च ; जानें कौनसी है ये पॉलिसी

National Desk : देश में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी है। मुंबई, दिल्ली, लखनऊ जैसे शहरों में स्थिति एक बार फिर चिंताजनक हो गई है। एक तरफ के मामले जहाँ बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वैक्सीनेसन की प्रक्रिया भी पहले से तेज हुई है। कोरोना वायरस की इलाज में खर्च को लेकर अगर आप बहुत चिंतित हैं तो आप स्टेटे बैंक ऑफ इंडिया की कोरोना रक्षक पाॅलिसी खरीद सकते हैं। यहां आपको 50,000 रुपये के खर्च तक का कवर मिलेगा।
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कोरोना रक्षक पाॅलिसी से जुड़ी कुछ अहम बातें:-
1- यह एक हेल्थ इंश्योरेंस प्रोटेक्शन प्लान है।
2- यहां आपको 100 प्रतिशत का कवर मिलेगा।
3- इस पाॅलिसी को खरीदने के लिए आप की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
4- इस पाॅलिसी का मिनिमम प्रीमियम प्लान 156.50 रुपये और अधिकतर 2,230 रुपये है।
5- यह टर्म पाॅलिसी 105 दिन, 195 दिन और 285 दिन की है।
6- कोरोना रक्षक पाॅलिसी पर आपको मिनिमम 50,000 रुपये और अधिकतर 2,50,000 रुपये तक कवर मिलता है।
7- स्टेट बैंक कोरोना रक्षक पाॅलिसी में 105 दिन का प्लान लेने पर आपको 157 रुपये का प्रीमियम देना होगा। जिसपर आपको 50 हजार रुपये तक कवर मिलेगा।
8- आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच या वेबसाइट के जरिए इसको पता कर सकते हैं।



राज्य एवं शहर
छत्तीसगढ़ गौ-मूत्र खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य बना ; CM ने हरेली पर्व से राज्य में गौ-मूत्र खरीदी का किया शुभारंभ


रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के अवसर पर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी की ऐतिहासिक की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह को 5 लीटर गौ-मूत्र 20 रूपए में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता बने। निधि स्व-सहायता समूह ने गौ-मूत्र विक्रय की यह राशि श्री भूपेश बघेल के आग्रह पर मुख्यमंत्री सहायता कोष के खाते में जमा की।
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छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रूपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रूपए लीटर में गौ-मूत्र की खरीदी कर रहा है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि यंत्रों की पूजा की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने गौ-माता को चारा खिलाया और उसकी पूजा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के जैविक खाद उत्पादक 7442 महिला स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन (बोनस) राशि का भी वितरण किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि गोधन न्याय योजना के बहुआयामी परिणामों को देखते हुए देश के अनेक राज्य इसको अपनाने लगे हैं। इस योजना के तहत अमीर हो या गरीब सभी दो रूपए किलो में गौठानों में गोबर बेच रहे हैं। बीते दो सालो में गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों के खाते में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि अंतरित हुई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी समृद्ध हो, किसान खुशहाल हो यह हमारी कोशिश है। जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का खेती में उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी। खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे जन-जीवन का स्वास्थ्य बेहतर होगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार देश की इकलौती सरकार है, जो अपने राज्य के पशुपालक ग्रामीणों से बीते दो सालों से गोबर खरीद रही है। आज 28 जुलाई को हरेली पर्व से छत्तीसगढ़ में गौ-मूत्र की सरकारी खरीदी की विधिवत शुरूआत हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह पहल वास्तव में राज्य में पशुपालन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ पशुपालक की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। राज्य में बीते दो सालों से गोबर की खरीदी और इससे जैविक खाद के निर्माण से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र खरीदी का मकसद गौठानों में इससे जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ में आज से 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से हुई थी। इसके तहत गौठनों में पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। देश- दुनिया में गोबर की खरीदी की गोधन न्याय योजना की बेजोड़ सफलता ही गौ-मूत्र की खरीदी का आधार बनी है। गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे। इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके।
खेती में अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अब गौठानों में गोमूत्र की खरीदी कर महिला समूहों के माध्यम से इससे जैविक कीटनाशक तैयार किए जाएंगे, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक, रासायनिक कीटनाशक का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले ,फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभाव कारी है। इसका उपयोग कृषि- पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर सुराजी गांव योजना के गरवा घटक के तहत राज्य के 8408 गांव में गौठान निर्मित एवं संचालित है, जहां पशुओं के देखरेख चारा-पानी का निःशुल्क प्रबंध है। इन गौठनों में गोधन न्याय योजना के तहत बीते 2 सालों से गोबर की खरीदी की जा रही है। जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं।
राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट प्लस का उत्पादन कर राज्य के किसानों को खेती में उपयोग के लिए उपलब्ध कराया है। गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएं अन्य मूलक गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं, जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है।
गौठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किए जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा। इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय और महिला समूहों को रोजगार और आय का जरिया भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हरेली पर्व के कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री चन्द्रदेव राय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल,छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा विधायक श्री सतनारायण शर्मा, श्री अनूप नाग, श्री चन्दन कश्यप, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, पूर्व सांसद श्रीमती छाया वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।


राज्य एवं शहर
LPG Price Hike : छत्तीसगढ़ में अब आपको एलपीजी सिलेंडर के लिए कितने पैसे देने होंगे? यहां जानें कीमत


रायपुर : देश में आम जनता पेट्रोल डीजल की महंगाई से जूझ रही है. इसके बाद अब बुधवार को घरेलू गैस के दाम बढ़ जाने से आम जनता को एक और बढ़ा झटका लगा है. देशभर में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़े दिये गये हैं. इससे देशभर के कई राज्यों में गैस के दाम एक हजार से पार हो गया है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां दाम बढ़कर 1124 रुपए हो गया है.
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जानें क्या कहती हैं प्रदेश में गैस एजेंसियां?
दरअसल बुधवार सुबह महंगाई के झटके के साथ शुरू हुई है. देशभर में घरेलू रसोई गैस 14.2 किलो के सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़ाए गए है. इससे छत्तीसगढ़ में पहले 1074 रुपए का सिलेंडर अब 1124 रुपए हो गया है. यानी देश के कई राज्यों से ज्यादा महंगा गैस सिलेंडर छत्तीसगढ़ में बिक रहा है. यहां के आम जनता को एक सिलेंडर के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे है.
रायपुर के गैस एजेंसियों ने बताया कि पिछले बार घरेलू रसोई गैस के दाम नहीं बढ़ाए गए थे. लेकिन इस बार 50 रुपए बढ़ाया गया है जिससे एक सिलेंडर के दाम 1124 रुपए हो गया है और यही दाम राज्य के सभी जिलों में भी है.
लगाया मनमानी करने का आरोप
रायपुर के संतोषी नगर निवासी राहुल ने आज ही अपने घर के लिए गैस भरवाया है. उसने बताया कि दो दिन पहले जब दाम 1074 रुपए था तब गैस के लिए पर्ची कट गई थी. लेकिन आज गैस एजेंसी बढ़े हुए दाम में 50 रुपए अतिरिक्त लेकर गैस दे रहा है. महंगाई की मार तो झेल ही रहे हैं इन गैस एजेंसियों की मनमानी से भी हम परेशान हो रहे हैं. आगे राहुल ने केंद्र सरकार से मांग है कि गैस के दाम कम कर राहत दी जाए.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार साधा निशाना
बढ़े रसोई गैस के दाम पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने केंद्र सरकार निशाना साधा है. कांग्रेस के संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि रसोई गैस के दाम में 50 रुपए की बढ़ोतरी जनता के साथ अन्याय है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा. केंद्र सरकार ने रसोई गैस में लगभग 250 गुना की बढ़ोतरी की है. पिछले 2 महीने में रसोई गैस के दाम में 150 रुपए की वृद्धि हो चुकी है. जो रसोई गैस 400 रुपए में मिलती थी वो अब गैस लगभग साढ़े ग्यारह सौ रुपए हो जाएगी.


देश-विदेश
मुकेश अंबानी का रिलायंस जियो के निदेशक पद से इस्तीफा, ‘थर्ड जेनेरेशन’ को सौंपी जिम्मेदारी ; बेटे आकाश का डायरेक्टर के तौर पर हुआ ‘राजतिलक’


मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Amabani) ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है और कंपनी की बागडोर बड़े बेटे आकाश को सौंप दी है। इसे 65 वर्षीय अरबपति द्वारा भावी उत्तराधिकारी तैयार करने के रूप में देखा जा रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल शाखा, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने मंगलवार को घोषणा की कि मुकेश अंबानी 27 जून को कंपनी के निदेशक के रूप में इस्तीफा दे देंगे। स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए एक आवेदन में रिलायंस जियो इंफोकॉम (Reliance Jio Infocomm Limited) ने कहा है कि 27 जून को हुई एक बैठक में कंपनी के बोर्ड ने निदेशक मंडल के अध्यक्ष के रूप में गैर-कार्यकारी निदेशक आकाश अंबानी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। अन्य नियुक्तियों में पंकज मोहन पवार को 27 जून से पांच साल के लिए कंपनी का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। साथ ही रामिंदर सिंह गुजराल और केवी चौधरी को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है।
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कमान आकाश के हाथ
27 जून को हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में आकाश अंबानी के नाम पर मुहर लगी। इससे पहले आकाश अंबानी बोर्ड में नॉन एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे। मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी की तरफ से की गई फाइलिंग में यह बात सामने आई।
अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक आकाश अंबानी से पहले उनके पिता मुकेश अंबानी कंपनी के चेयरमैन के नाते काम देख रहे थे। मुकेश अंबानी का चेयरमैन पद से इस्तीफा बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि वह जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के चेयरमैन बने रहेंगे। आकाश अंबानी की नियुक्ति को नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने के तौर पर देखा जा रहा है। जियो के 4जी इको सिस्टम को खड़ा करने का श्रेय काफी हद तक आकाश अंबानी को जाता है। 2020 में दुनियाभर की बड़ी टेक कंपनियों ने जियो में निवेश किया था और इस वैश्विक निवेश को भारत लाने में भी आकाश ने खूब मेहनत की थी।
रिलायंस में अहम बदलाव
एक और बड़ा बदलाव करते हुए रिलायंस जियो इनफोकॉम लिमिटेड ने पंकज पवार को अगले 5 वर्षों के लिए कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। एडिशनल डायरेक्टर रामिंदर सिंह गुजराल और के.वी. चौधरी अब स्वतंत्र निदेशकों को तौर पर काम देखेंगे। उनकी नियुक्ति भी 5 वर्षों के लिए प्रभावी होगी। हालांकि शेयरधारकों के अनुमोदन के बाद ही यह नियुक्तियां मान्य होंगी।


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