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Navratri 8th Day Maa Mahagauri :मां महागौरी ने भगवान शिव को कठोर तप से किया था प्रसन्न, पढ़ें जन्म से जुड़ी ये रोचक पौराणिक कथा ; नवरात्रि के आठवें दिन होती है मां महागौरी की पूजा, जानें पूजा विधि, महत्व, भोग, आरती और शुभ मुहूर्त


आस्था डेस्क : आज यानी 20 अप्रैल दिन मंगलवार को नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन मां गौरी को हलवे का भोग लगाया जाता है। कहते हैं कि मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। अष्टमी तिथि को कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। आज नवरात्रि का आठवें दिन हम आपको बता रहे हैं मां महागौरी के जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा-
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एक पौराणिक कथा के अनुसार, पर्वत राज हिमालय के घर माता पार्वती का जन्म हुआ था। माता पार्वती को महज 8 वर्ष की अवस्था में ही अपने पूर्वजन्म की घटनाओं का आभाष हो गया था। तभी से उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तप करना शुरू कर दिया था। तपस्या के दौरान माता केवल कंदमूल फल और पत्तों का सेवन करती थीं। बाद में माता ने वायु पीकर तपस्या करना शुरू कर दिया। तप से देवी पार्वती को महान गौरव प्राप्त हुआ था, यही कारण है कि इनका नाम महागौरी पड़ा।

माता की तपस्या ने प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें गंगा स्नान करने के लिए कहा। जिस समय मां पार्वती गंगा स्नान करने गईं तब देवी का एक स्वरूप श्याम वर्ण के साथ प्रकट हुईं, जो कौशिकी कहलाईं। साथ ही एक स्वरूप उज्जवल चंद्र के समान प्रकट हुईं, महागौरी कहलाईं। मान्यता है कि मां अपने हर भक्त का कल्याण करने के साथ मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
आज 20 अप्रैल दिन मंगलवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है। इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं। मां का स्वभाव शांत है। आइए जानते हैं मां महागौरी की पूजा विधि, महत्व, भोग, आरती और शुभ मुहूर्त…
मां महागौरी पूजा विधि…
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।
- मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
- मां को रोली कुमकुम लगाएं।
- मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
- मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं।
- मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- मां की आरती भी करें।
- अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें।
मां महागौरी मंत्र
मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥
पुणेन्दुनिभांगौरी सोमवक्रस्थितांअष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम।
वराभीतिकरांत्रिशूल ढमरूधरांमहागौरींभजेम्॥
पटाम्बरपरिधानामृदुहास्यानानालंकारभूषिताम्।
मंजीर, कार, केयूर, किंकिणिरत्न कुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांत कपोलांचैवोक्यमोहनीम्।
कमनीयांलावण्यांमृणालांचंदन गन्ध लिप्ताम्॥
स्तोत्र मंत्र
सर्वसंकट हंत्रीत्वंहिधन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदाचतुर्वेदमयी,महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम्।
डमरूवाघप्रिया अघा महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगलात्वंहितापत्रयप्रणमाम्यहम्।
वरदाचैतन्यमयीमहागौरीप्रणमाम्यहम्॥
कवच मंत्र
ओंकार: पातुशीर्षोमां, हीं बीजंमां हृदयो।
क्लींबीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो॥
ललाट कर्णो,हूं, बीजंपात महागौरीमां नेत्र घ्राणों।
कपोल चिबुकोफट् पातुस्वाहा मां सर्ववदनो॥
मां महागौरी की आरती
महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥
मां महागौरी पूजा महत्व
- मां महागौरी की पूजा- अर्चना करने से विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- मां की कृपा से मनपंसद जीवनसाथी मिलता है।
- मां महागौरी की अराधना करने से संकट दूर होते हैं पापों से मुक्ति मिलती है।
- व्यक्ति को सुख-समृद्धि के साथ सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है।
मां महागौरी पूजा शुभ मुहूर्त
- अष्टमी- 20 अप्रैल, 2021, मंगलवार
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 20 अप्रैल 2021 को मध्य रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त- 21 अप्रैल 2021 को मध्यरात्रि 12 बजकर 43 मिनट तक
अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त-
- ब्रह्म मुहूर्त- 20 अप्रैल सुबह 04 बजकर 11 मिनट से सुबह 04 बजकर 55 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- 20 अप्रैल 2021 सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त- 20 अप्रैल 2021 शाम 06 बजकर 22 मिनट से शाम बजकर 06 बजकर 46 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- 20 अप्रैल 2021 दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से शाम 03 बजकर 08 मिनट तक
- अमृत काल- 21 अप्रैल मध्यरात्रि 01 बजकर 17 मिनट से 21 अप्रैल 2021 सुबह 02 बजकर 58 मिनट तक



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वाराणसी : ज्ञानवापी के वजूखाने का पुराना वीडियो वायरल, देखें आपको शिवलिंग लगता है या फव्वारा ?


वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वजूखाने में शिवलिंग पाया गया है। इसको लेकर जहां एक तरफ सियासत तेज हो गई है तो दूसरी तरफ एक दोनों पक्ष एक दूसरे को झूठा साबित करने में जुट गया है। इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद का कथित वीडियो भी सामने आया है। इस पुराने वीडियो में वह पत्थर भी दिख रहा है, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है तो मुस्लिम पक्ष फव्वारा साबित करने में जुटा है। हालांकि, सच क्या है यह कोर्ट के फैसले के बाद ही तय हो पाएगा। हिन्दुस्तान इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
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There is a vajukhana inside the #Gyanvapi.
![]()
But more important is, there is a well inside the Vajukhana from where the shivlinga is found.
see they claimed it is fountain not shivlingam. An old video from gyanvapi temple.#ज्ञानवापी_मंदिर#हर_हर_महादेव pic.twitter.com/SUoTZe9oJj
— Political Vaccine💙🇮🇳 (@askvaccine) May 17, 2022
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग वजूखाने की सफाई करते दिख रहे है। कुछ लोग झाड़ू लगा रहे हैं तो कुछ पाइप से पानी डालते दिख रहे हैं। इस दौरान उस पत्थर को भी मोबाइल में कैद किया जाता है, जिसको लेकर विवाद छिड़ा है।
बताया जा रहा है कि सोमवार को कोर्ट कमिश्नर की अगुआई में टीम जब वजूखाने में पहुंची तो यहां से पानी हटाकर जांच की गई। ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे की जानकारी होते ही काशी विश्वनाथ धाम के आसपास के लोग खुशी में हर-हर महादेव का घोष करने लगे। सर्वे पूरा होने के बाद चौक क्षेत्र में जुटे लोगों ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन बाबा ने साक्षात दर्शन दिया है। लंबी लड़ाई के बाद यह कामयाबी मिली है।
मैदागिन की ओर चौक थाना और गोदौलिया की ओर बांसफाटक के पास पुलिस ने बेरिकेडिंग कर सामान्य लोगों के आवागमन पर रोक लगा दी थी। सुबह करीब 10.30 बजे वादी पक्ष के सोहनलाल आर्य बाहर आए और कहा कि ‘बाबा मिल गए’। इसके बाद हर-हर महादेव का घोष होने लगा।


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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में जिस जगह पर शिवलिंग मिला उसे तुरंत सील करने का कोर्ट ने दिया आदेश ; वजू पर पाबंदी


वाराणसी : वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम आज तीसरे दिनपूरा हो गया। सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि-‘बाबा मिल गए।’ कहा गया कि सर्वे में ‘काला पत्थर’ मिला जो शिवलिंग है। जितना सोचा था उससे ज्यादा साक्ष्य मिले हैं।
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सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने शिवलिंग के संरक्षण के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर वाराणसी कोर्ट ने डीएम को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उसे तत्काल सील कर दें। किसी भी व्यक्ति को वहां जाने न दें। कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी है।

कोर्ट ने शिवलिंग की जगह को सील करने के आदेश के साथ ही साथ ही अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- ‘जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेट को आदेशित किया जाता है कि जस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्णत: व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी।’
मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष का दावा नकारा
ज्ञानवापी सर्वे पूरा होते ही हिंदू पक्ष ने वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया। हिंदू पक्षकार सोहनलाल आर्य ने कहा कि जितना सोचा था उससे अधिक साक्ष्य मिले हैं। हालांकि मुस्लिम पक्ष इस दावे को पूरी तरह से नकार रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिसका दावा हिंदु पक्ष कर रहा है। इस दावे और उसके खिलाफ प्रतिदावे के बीच कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए शिवलिंग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रशासन ने भी ऐसे दावे से पल्ला झाड़ते हुए लोगों से अपील की कि वे सिर्फ अधिकारिक बयान पर ही ध्यान दें। प्रशासन की ओर कहा गया कि यदि किसी भी पक्षकार ने अपनी निजी इच्छा से कोई बात बताई है तो यह उसका निजी विचार है।
वजू पर लगी पाबंदी
सर्वे पूरा होने के थोड़ी देर बाद ही शिवलिंग का मामला कोर्ट भी पहुंच गया। कोर्ट ने अपने हिंदू पक्ष के दावे के बाद अपने आदेश में शिवलिंग के आसपास जाने पर रोक लगा दी। वहां वजू पर भी पाबंदी लगाई गई है।
कल होगी सुनवाई
कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब सिर्फ 20 लोग ही नमाज के लिए जा सकते हैं। कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे तीन दिन और कुल 10 घंटे चला। कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र कल सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इसके बाद अदालत तय करेगी कि ज्ञानवापी का सच क्या है?


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Happy Buddh Purnima 2022 : जीवन में सफलता पाने के लिए अपनाएं बुद्ध की ये बातें, कभी नहीं होगी हार


आज बुद्ध पूर्णिमा है. अगर आप जीवन में पिछड़ रहे हैं या आपके हाथ सफलता नहीं लग रही है तो आप बुद्ध की इन बातों का अनुसरण करें. आपको कभी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा.
आस्था डेस्क : आज बुद्ध पूर्णिमा है और यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है. यह भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान और पुण्यतिथि को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है. भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में शाक्य वंश में राजा शुद्धोधन और माया देवी के पुत्र के रूप में हुआ था. बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था. 29 वर्ष की आयु में अपना घर छोड़ने के बाद, वह निर्वाण या ज्ञान की तलाश में थे जो उन्हें केवल 49 दिनों में मिला था.
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बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा ना केवल भारत और नेपाल में, बल्कि दुनिया भर में मनाए जाने वाले बौद्धों का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है. बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती और पुण्यतिथि दोनों के रूप में मनाया जाता है.

भगवान बुद्ध के जीवन की ऐसी बहुत सी बातें हैं, जिन्हें अगर आप अपने जीवन में उतार लें तो आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है. नीचे हमने कुछ ऐसी बातों का उल्लेख कर रखा है.
- – हर चीज को संदेह से देखें. अपनी खुद की रोशनी की तलाश करें.
- – भूतकाल में मत जियो, भविष्य के सपने मत देखो, मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो.
- – एक हजार खोखले शब्दों से बेहतर, एक ऐसा शब्द है जो शांति लाता है.
- – शांति अंतर्मन से आती है. इसके बिना कुछ मत खोजो.
- -अंत में, केवल तीन चीजें मायने रखती हैं: आप कितना प्रेम किया, आपने कितना सौम्य जीवन जिया, और आपने कितनी खूबसूरती से उन चीजों को जाने दिया जो आपके लिए नहीं थीं.
- – हर चीज को संदेह से देखें. अपनी खुद की रोशनी की तलाश करें.


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